रहे न काउ दीन के / रजनी लवानिया रहे न काउ दीन के, सेंत न कोउ ले ॥ ऐसे बूढ़े बैल को, कौन बान भुस दे ॥ Raha,N...
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समस्या मुँशी प्रेमचन्द - Samashya / Munshi Premchand
मुँशी प्रेमचन्द मेरे दफ्तर में चार चपरासी हैं। उन...
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मुण्डन / हरिशंकर परसाई - Manduk / Harishankar Parsai
हरिशंकर परसाई किसी देश की संसद में एक दिन बड़ी हलचल मची। हलचल का कारण कोई राजनीतिक समस्या नहीं थी, बल्कि यह था कि एक मंत्री का अच...
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मुँशी प्रेमचन्द 1 आज सबेरे ही से गॉँव में हलचल मची हुई थी। कच्ची झोपड़ियॉँ हँसती हुई जान पड़ती थी। आज सत्याग्रहियों का जत्था ...
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भगत की गत / हरिशंकर परसाई - Bhagat Ki Gat / Harishnakar Parsai
हरिशंकर परसाई उस दिन जब भगतजी की मौत हुई थी, तब हमने कहा था- भगतजी स्वर्गवासी हो गए। पर अभी मुझे मालूम हुआ कि भगतजी, स्वर्गवासी ...
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भारत को चाहिए जादूगर और साधु / हरिशंकर परसाई - Bharat Ko chahiy Jadugar Aur Sadhu
हरिशंकर परसाई हर 15 अगस्त और 26 जनवरी को मैं सोचता हूं कि साल-भर में कितने बढ़े। न सोचूं तो भी काम चलेगा- बल्कि ज्यादा आराम से चले...
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एक अशुद्ध बेवकूफ / हरिशंकर परसाई - Ek Achudh Befkoof
हरिशंकर परसाई बिना जाने बेवकूफ बनाना एक अलग और आसान चीज है। कोई भी इसे निभा देता है। मगर यह जानते हुए कि मैं बेवकूफ बनाया जा रहा...
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बदचलन / हरिशंकर परसाई - Badchalan / Harishankar Parsai
हरिशंकर परसाई एक बाड़ा था। बाड़े में तेरह किराएदार रहते थे। मकान मालिक चौधरी साहब पास ही एक बंगले में रहते थे। एक नए किराएदार...
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यस सर / हरिशंकर परसाई - Yes sir / Harishankar Parsai
हरिशंकर परसाई एक काफी अच्छे लेखक थे। वे राजधानी गए। एक समारोह में उनकी मुख्यमंत्री से भेंट हो गयी। मुख्यमंत्री से उनका परिचय पहल...
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पिटने-पिटने में फर्क / हरिशंकर परसाई - Peetne - Peetne Mai Farak / Harishankar Parsai
हरिशंकर परसाई (यह आत्म प्रचार नहीं है। प्रचार का भार मेरे विरोधियों ने ले लिया है। मैं बरी हो गया। यह ललित निबंध है।) बहुत लोग क...
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