हरिशंकर परसाई किसी देश की संसद में एक दिन बड़ी हलचल मची। हलचल का कारण कोई राजनीतिक समस्या नहीं थी, बल्कि यह था कि एक मंत्री का अच...
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भगत की गत / हरिशंकर परसाई - Bhagat Ki Gat / Harishnakar Parsai
हरिशंकर परसाई उस दिन जब भगतजी की मौत हुई थी, तब हमने कहा था- भगतजी स्वर्गवासी हो गए। पर अभी मुझे मालूम हुआ कि भगतजी, स्वर्गवासी ...
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भारत को चाहिए जादूगर और साधु / हरिशंकर परसाई - Bharat Ko chahiy Jadugar Aur Sadhu
हरिशंकर परसाई हर 15 अगस्त और 26 जनवरी को मैं सोचता हूं कि साल-भर में कितने बढ़े। न सोचूं तो भी काम चलेगा- बल्कि ज्यादा आराम से चले...
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एक अशुद्ध बेवकूफ / हरिशंकर परसाई - Ek Achudh Befkoof
हरिशंकर परसाई बिना जाने बेवकूफ बनाना एक अलग और आसान चीज है। कोई भी इसे निभा देता है। मगर यह जानते हुए कि मैं बेवकूफ बनाया जा रहा...
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बदचलन / हरिशंकर परसाई - Badchalan / Harishankar Parsai
हरिशंकर परसाई एक बाड़ा था। बाड़े में तेरह किराएदार रहते थे। मकान मालिक चौधरी साहब पास ही एक बंगले में रहते थे। एक नए किराएदार...
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यस सर / हरिशंकर परसाई - Yes sir / Harishankar Parsai
हरिशंकर परसाई एक काफी अच्छे लेखक थे। वे राजधानी गए। एक समारोह में उनकी मुख्यमंत्री से भेंट हो गयी। मुख्यमंत्री से उनका परिचय पहल...
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पिटने-पिटने में फर्क / हरिशंकर परसाई - Peetne - Peetne Mai Farak / Harishankar Parsai
हरिशंकर परसाई (यह आत्म प्रचार नहीं है। प्रचार का भार मेरे विरोधियों ने ले लिया है। मैं बरी हो गया। यह ललित निबंध है।) बहुत लोग क...
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शर्म की बात पर ताली पीटना / हरिशंकर परसाई - Sharm Ki Baat Paar Taali Peetna / Harishankar Parsai
हरिशंकर परसाई मैं आजकल बड़ी मुसीबत में हूं। मुझे भाषण के लिए अक्सर बुलाया जाता है। विषय यही होते हैं- देश का भविष्य, छात्र समस्...
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भोलाराम का जीव / हरिशंकर परसाई - Bhaoleram Ka Jeev / Harishankar Parsai
हरिशंकर परसाई धर्मराज लाखों वर्षों से असंख्य आदमियों को कर्म और सिफ़ारिश के आधार पर स्वर्ग या नरक में निवास-स्थान ‘अलॉट' करते ...
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हरिशंकर परसाई के लेखन के उद्धरण / हरिशंकर परसाई - Harishankar Parsai Ke Lekhan Ke Uddharadhan / Harishankar Parsai
हरिशंकर परसाई व्यंग्य लेखन को साहित्य में प्रतिष्ठा दिलाने में परसाई जी का योगदान अमूल्य है.आजादी के बाद के भारतीय समाज की स्थिति...
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संस्कृति / हरिशंकर परसाई - Sanskriti / Harishankar Parsai
हरिशंकर परसाई भूखा आदमी सड़क किनारे कराह रहा था । एक दयालु आदमी रोटी लेकर उसके पास पहँचा और उसे दे ही रहा था कि एक-दूसरे आदमी ने ...
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बारात की वापसी / हरिशंकर परसाई - Barat Ki Vapsi / Harishankar Parsai
हरिशंकर परसाई बारात में जाना कई कारण से टालता हूँ । मंगल कार्यों में हम जैसी चढ़ी उम्र के कुँवारों का जाना अपशकुन है। महेश बाबू का क...
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घायल बसंत / हरिशंकर परसाई - Ghayal Basant / Harishankar Parsai
हरिशंकर परसाई कल बसन्तोत्सव था। कवि बसन्त के आगमन की सूचना पा रहा था-- प्रिय, फिर आया मादक बसन्त' । मैंने सोचा, जिसे बसन्त ...
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